स्वतंत्रता सेनानियों के प्रसिद्ध नारे
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है.
स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा.
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा.
ज़िंदगी तो अपने दम पर जी जाती है। दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं.
जय जवान जय किसान
आराम, हराम है.
मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में कील सिद्ध होगी
दुश्मनों की गोलियों का हम डटकर सामना करेंगे, आज़ाद हैं, आज़ाद ही रहेंगे.